सौम्य, विनम्र पर दृढ़ संकल्पित व्यतित्व के धनी रवि किरण जी का जाना गंभीर रिक्ति पैदा कर गया।
निडरता की मिसाल रवि किरण जी पीयूसीएल के साथ ही नागरिक समाज के लिए प्रेरक की भूमिका में रहे। अल्पसंख्यक, आदिवासी, दलित के साथ ही हर जरूरतमंद के सवालों पर मुखर रहने वाले रवि जी की कमी खलती रहेगी। अदालत के साथ ही सड़क पर सत्ता के निरंकुशता व ज्यादती के विरोध के लिए तत्पर रहे। तत्काल प्रतिक्रिया व न्यायालय में ग़लत कार्रवाइयों व आदेशों को चुनौती देने में जैन साहब सदैव अगली कतार में रहे।
विकास की नीति को आम आदमी के लिए उपयोगिता की दृष्टि से परखने वाले जैन साहब बराबर लेखनी के सहारे भी सक्रिय रहे। एक साथ कई भूमिका निभाने में सक्षम रवि जी की कमी आसानी से पूरी नहीं होगी।
झारखंड जब भी आए छोटी बैठकों में भी शामिल होने से नहीं कतराए। सामान्य सदस्यों से भी आत्मीयता बरतने वाले जैन साहब मार्गदर्शक की भूमिका में रहे। झारखंड पीयूसीएल उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके राह का राही बनने को संकल्प व्यक्त करता है। गमगीन माहौल में भी उनके विचारों व कामों को आगे बढ़ाना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी और पीयूसीएल, झारखंड इस ओर अग्रसर रहने का संकल्प व्यक्त करता है।